क्या कसूर था आखिर मेरा ? भाग 20
जैसे ही अंजली पीछे मुड़ती है उसकी चीख निकल जाती जब वो देखती की वहा अमित नही अर्जुन है जिसको उसने जैल भिजवाया था ।
त,,,,,,, त,,,, तुम यहाँ कैसे तुम तो जैल में थे अंजली ने दूर हट कर डरते हुए कहाँ और वहा से भागने लगी
" कहाँ चली , कब तक भगायेगी अपने पीछे अपने इस गुमनाम आशिक को " अर्जुन उसे पकड़ कर कहता है
"म,,,,,, म,,,,,, मुझे जाने दो, भगवान के लिए मुझे जाने दो मेरे घर वाले मेरा इंतज़ार कर रहे होंगे, मैं तुम्हारे पाव पडती हूँ मुझे जाने दो।
"ऐसे कैसे अभी तो हिसाब बाकी है अभी तो सिर्फ मेने ही सजा काटी है , तुझे तो अभी उम्र भर सजा काटनी है मुझसे उलझने की " अर्जुन कहता है
"भगवान के लिए मुझे जाने दो मेरी बारात आने वाली है , मेरे पिताजी मेरा इंतज़ार कर रहे होंगे " अंजली ने उसके पाव पकड़ते हुए कहाँ
" अले,,,, अले,,,,, अले,, बारात आने वाली है , दुल्हन बनना है पर अफ़सोस बारात को खाली ही लोट कर जाना पड़ेगा क्यूंकि दुल्हन तो मेरे पास है । मेरा शिकार कोइ और लेकर जाए ये मैं होने नही दूंगा । "अर्जुन ने कहाँ
"तेरी वजह से मुझे मेरे पिता ने जैल में भेज दिया सिर्फ और सिर्फ तेरी वजह से, वो तो भला हो मेरी माँ का जिसने मुझे बता दिया की तेरा शिकार कोइ और लेकर जा रहा है सिर्फ तेरी वजह से मैं जैल से आया हूँ ताकि तुझसे अपनी बेइज़्ज़ती का बदला ले सकूँ जो गांव वाले मुझे देख कर कांप जाते थे उनके सामने पुलिस मुझे पकड़ कर ले गयी सिर्फ और सिर्फ तेरी वजह से ना तू उस दिन मुझसे पन्गा लेती और मेरा हाथ पकड़ती और ना तू मेरी दुश्मन बनती और अर्जुन अपने दुश्मन को सजा दिए बगैर रहता नही है और अब तेरी बारी है "अर्जुन अंजली की चोटी पकड़ कर कहता है ।
वही दूसरी तरफ अमित भी गाड़ी में बैठ गया था। और बारात बस निकलने को थी । मंजू कमरे में टहल रही थी और कुछ बुदबूदा रही थी " अंजली कहाँ चली गयी तू , जल्दी आजा बारात भी बस पहुंचने वाली होगी अगर मेरी सास ने मुझे बुला लिया तब क्या करूंगी मेरी बहन जल्दी आजा , भगवान जी मेरी सहेली की रक्षा करना "
तभी दरवाज़े पर किसी की दस्तक होती
अंजली डर से उछल जाती और पूछती " कौन "
"बेटा में हूँ तुम्हारा काका, अंजली बिटिया तैयार हुयी की नही " दुर्जन ने बाहर से पूछा
" हे! भगवान अब क्या करू? क्या जवाब दू काका को कुछ सोच मंजू कुछ सोच अगर घर में पता चल गया की अंजली कमरे में नही है तो खामखा शोर मच जाएगा, कुछ सोच मंजू " मंजू मन ही बुदबूदाते हुए कहती
" हा बेटा क्या हुआ, अंजली तैयार हुयी या नही बारात बस आती ही होगी " दुर्जन ने दोबारा दरवाज़ा खटखटा कर पूछा
"क,,,,, क,,,,, क,,,, काका बस थोड़ी देर और फिर मैं खुद उसे बाहर लेकर आती हूँ " मंजू ने झूट बोलते हुए कहाँ
" ठीक है बेटा जल्दी आना " दुर्जन ने कहाँ और चला गया
" अर्जुन मुझे जाने दो देखों मेरे पिताजी मेरा इंतज़ार कर रहे होंगे, मैं तुम्हारे सामने भीख मांग रही हूँ अगर मैं वहा नही पहुंची तो मेरी बारात वापस लोट जाएगी मुझे जाने दो " अंजली ने कहा
"ऐसे नही पहले अपना बदला तो ले लू, लेकिन सोच रहा हूँ क्या करू तुम्हे मार दू नही नही इतनी आसान मौत कैसे दे सकता हूँ, सोच अर्जुन सोच कैसे अपनी बदनामी का बदला इससे लिया जाए " अर्जुन कहता है अंजली से।
तभी अर्जुन अपनी जेब से कुछ ऐसा निकालता है और अंजली के चैहरे पर डाल देता। अंजली के चेहरे से धुआँ सा निकलने लगा , उसकी खाल सिकुड़ने सी लगी थी चीखती हुयी मुँह पर हाथ रख कर ज़मीन पर बैठ गयी ।
अर्जुन बोला " ये है तेरी सजा , बहुत घमंड था ना तुझे अपनी ख़ूबसूरती पर अब देखना अपना चेहरा और सोचना कि अर्जुन से पन्गा लेने का अंजाम क्या होता है । अब तू जहाँ भी जाएगी लोग तुझसे दूर भाग जाएंगे "
अंजली ज़मीन पर गिर चुकी थी। अर्जुन एक सीटी बजाता तभी वहा उसका दोस्त गाड़ी लेकर आता ।
उसका दोस्त अंजली की ऐसी हालत देख घबरा जाता और अर्जुन से कहता " ये क्या कर दिया तूने , तूने तो कहाँ था बस एक दो थप्पड़ मार के अपना बदला उतार देगा लेकिन तूने तो उसका आधा चेहरा ही जला दिया। क्या इसलिए मैं तुझे जैल से भगा कर लाया था । अब चल बैठ गाड़ी में दोबारा जैल जाना है अभी 24 घंटे बाकी है तेरी रिहायी में "
अर्जुन हस्ते हुए कहता " मुझसे पन्गा लेने वालो का यही अंजाम होता है अब ये कोसे की सारी ज़िन्दगी उस दिन को जिस दिन इसने मेरा हाथ पकड़ कर उस बुड्ढे को पिटने से बचाया था , चल अब गाड़ी निकाल और सीधा जैल चल वहा मामा जी हमारा इंतज़ार कर रहे होंगे "
वो दोनों वहा से भाग गए , लेकिन अर्जुन वो तेजाब की बोतल वही छोड़ कर भाग जाता है । अब देखना ये है कि वो बोतल किस के हाथ लगती है ।
वही दूसरी तरफ अमित बारात लेकर दुर्जन की चौखट पर आ गया था ।
मंजू को जब पता चला की बारात आ गयी और दूल्हा भी उन्ही के साथ है लेकिन अंजली अभी तक नही आयी तब वो घबरा गयी और सोचने लगी जरूर कोइ अनहोनी हो गयी अंजली के साथ वो सबको बताना चाहती लेकिन कैसे बताती और क्या कहती । और वो कमरे में ही इंतज़ार करने लगी ।
मंजू की सास अपने बेटे से कहती " क्या बात बहु अपनी दोस्त के पास आकर सब कुछ भूल गयी क्या, कि बाहर उसके सास ससुर और उसका पति उसका इंतज़ार कर रहा है "
"माँ छोड़ो भी बेचारी की सहेली की शादी है । मिललेगी आ कर हम लोग अभी थोड़ी जा रहे है , क्या पता उसे पता ना लगा हो बारात के आने का " अमित ने कहाँ
" वाह भाई वाह, तुम तो अभी से पत्नि की तरफ़ हो गए , ये बेंड बाजे की आवाज़ उनके कानो में नही गयी क्या " मंजू की सास ने कहाँ
"अरे! जाने भी दो भाग्यवन आ जाएगी मिललेगी, लड़की की शादी में हज़ारो काम होते है कही व्यस्त होगी " मंजू के ससुर ने कहाँ
" मुझे लगता है उसने आप दोनों पर कोइ जादू कर दिया है " मंजू की सास ने कहाँ
" अरे! भाग्यवन तुम भी अब माँ से सास वाले रूप में परिवर्तित हो रही हो " मंजू के पिता ने कहाँ
" क्यू ना हूँ? तुम्हारी माँ भी केसा बदल गयी थी सास बनते ही जब तक गांव में रहे जीना हराम कर दिया था उस घर में तुम्हारी माँ ने मेरा और देवरानीयों का " मंजू की सास कहती
अमित बहुत प्यारा लग रहा था। वो बार बार अंजली को देखने की कोशिश कर रहा था लेकिन उसे कही दिखाई नही दे रही थी ।
वर्माला का समय हो गया था।
" जा दुर्जन मंजू से कहना बस सजा चुक अपनी सहेली को वर्माला का समय हो रहा है बाहर लेकर आये उसे "
दुर्जन दरवाज़ा खटखटाता
"कौन है दरवाज़े पर " मंजू ने डरते हुए पूछा
"बेटा मैं हूँ, तुम्हारा काका बाहर पंडित जी वर्माला का इंतज़ार कर रहे है "
अंजली घबरा जाती उसके पास अब कोइ बहाना नही था और वो छुपाना भी नही चाह रही थी क्यूंकि वो जानती थी अंजली शायद किसी मुसीबत में है। लेकिन वो डर रही थी कि कैसे बताये कि अंजलि कमरे में नही है ।
क्या मंजू बता पायेगी दुर्जन को कि अंजली कमरे में नही बाहर गयी है , जानने के लिए पढ़ते रहिये
Punam verma
29-Apr-2022 09:43 AM
Nice
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Anam ansari
21-Apr-2022 10:01 PM
Nice
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Art&culture
18-Apr-2022 09:53 PM
Very nicely written
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